बीती रात दस पर FiR-
स्वच्छ भारत मिशन मे गिरोह बनाकर कि बंदर वाट
DSC के जिम्मेदारो की भूमिका भी सदिग्ध-
राजेन्द्र परिहार -ब्लाक कोऑर्डिनेटर स्वाछ भारत मिशन
चिचोली:- (रितीक राठौर)- केन्द्र सरकार की अति महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन मे मैदानी स्तर पर बगैर कोई काम कराए 13 करोड़ रु से ज्यादा का भुगतान किए जाने का सनसनीखेज मामला बैतूल में सामने आया है। यहां एक ब्लॉक कॉर्डिनेटर ने दिल्ली, इंदौर की कंपनियों को बगैर काम करवाए फर्जी डिमांड जनरेट कर करोड़ों का भुगतान कर दिया।इस मामले में दस लोगों के खिलाफ बीती रात एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
पिछले चार साल से चल रही इस गड़बड़ी को बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने पकड़ा। अधिकारियों ने निरीक्षण में पाया कि पीएमएफएस पोर्टल पर राजेंद्र परिहार जोकि ब्लॉक कोऑर्डिनेटर स्वच्छ भारत मिशन भी हैं। ने खुद के नाम से वेंडर और अन्य वेंडर बनाए जिनके द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के कार्य ही नहीं किए गए हैं। उनको गलत तरीके से भुगतान किया गया हैं। आरोपी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन में स्वयं डिमांड जनरेट कर सह आरोपियों की मदद से भुगतान किया जा रहा था। चिचोली एवं भीमपुर ब्लॉक के कंप्यूटर ऑपरेटर जिन्हें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के डिजिटल सिग्नेचर संभालने के लिए अधिकृत किया गया था, अनियमितता में उनकी भूमिका भी पाई गई।
जांच के लिए कलेक्टर ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया । जिसमें जिला कोषालय अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी ने प्रकरण की जांच की। जिसके बाद बीती रात जिला पंचायत की लेखा अधिकारी इंदिरा महतो की रिपोर्ट पर पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की है। जिसमें अप क्र. 163/25 के तहत धारा-420,409,34 IPC का मामला दर्ज किया गया है।
नाम आरोपी गण -01. राजेंद्र परिहार ब्लाक समन्वयक अधिकारी जनपद पंचायत चिचोली एवं भीमपुर थाना चिचोली 02. सुरकेश कहार कंप्यूटर ऑपरेटर चिचोली थाना चिचोली 03. सुमित सोनी कंप्यूटर ऑपरेटर भीमपुर थाना चिचोली 04. आशीष कंस्ट्रक्शन चिचोली थाना चिचोली 05. बीरबल रावत चिचोली थाना चिचोली 06. जमदू अहके चिचोली थाना चिचोली 07. मैक ऑटो इंडिया नई दिल्ली 08. मकीना एसोसिएट इंदौर 09. सपना इवने चिचोली थाना चिचोली 10. शिवलु इवने चिचोली थाना चिचोली 11. शपिंग भंडार इंदौर 12. सोनू शिवनकर चिचोली शामिल है। आरोप है कि इन लोगों ने 02. नवंबर 2021 के 05 मार्च 25 तक सरकारी रुपयों का गबन किया।
ऐसे होता था कागजों में खेल
स्वच्छ भारत मिशन में भीमपुर और चिचोली जनपद में 13 करोड़ 21 लाख 71 हजार रुपए की आर्थिक अनियमितता सामने आई है। स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक कार्डिनेटर ने बिना कार्य किए स्वच्छता हितग्राहियों और इंदौर की दो फर्म मकीना एसोसिएट और का भुगतान किया। चिचोली जनपद पंचायत में 9 करोड़ 13 लाख 36 हजार 700 और भीमपुर जनपद पंचायत में 4 करोड़ 8 लाख 34 हजार रुपए का गबन होने का खुलासा हुआ है। यह राशि ग्रे वाटर मैनेजमेंट सिस्टम, शोक पिट निर्माध, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, नाडेप, लिच पीट के अलावा सार्वजनिक और व्यक्तिगत शौचालयों के नाम पर निकाली गई। जबकि जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया गया।
जनपद पंचायत के सीईओ की डिवाइस से ब्लॉक कार्डिनेटर राजेंद्र परिहार ने यह भुगतान किया। इसमें कंप्यूटर ऑपरेटर की भी भूमिका सामने आई है। इस घोटाले में भीमपुर जनपद पंचायत में मकीना एसोसिएट को 9 बार वेंडर बनाया। राजेंद्र परिहार को तीन बार और शॉपिंग भंडार को चार बार वेंडर बनाकर 4 करोड़ 8 लाख 34 हजार रुपए का भुगतान किया गया। इस जनपद पंचायत में मकीना एसोसिएट और शापिंग भंडार को सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए 2023 में सबसे अधिक राशि डाली गई। वहीं राजेंद्र परिहार के नाम पर इन्फर्मेशन एजुकेशन और कम्युनिकेशन के लिए राशि का भुगतान किया गया है।
सीईओ की भूमिका संदिग्ध-
इस घोटाले में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (सीईओ) की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। तीन पॉइंट्स में समझे...
• डीडीओ पावर और PFMS वाउचर अप्रूवल सीईओ के अधीन होते हैं।
• सीईओ के मोबाइल पर भुगतान का मैसेज आता है, फिर भी गड़बड़ी जारी रही।
• कंप्यूटर ऑपरेटर, जिनका इस घोटाले में सीधा हाथ है, वे भी सीईओ के अधीन काम करते थे।
गौरतलब है कि आरोपियों ने 2 नवंबर 2021 से 5 मार्च 2025 तक करोड़ों का गबन किया। इस दौरान चिचोली और भीमपुर जनपद पंचायत में अलग-अलग अधिकारियों ने सीईओ के रूप में कार्यभार संभाला, लेकिन किसी ने घोटाले को नहीं रोका।
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